सोमवार, 25 जनवरी 2016

भारत को समझना है तो स्टार्टअप को लाना होगा फ्रेश आइडिया

बाजार के पंडित कहते हैं कि इस साल के अंत तक ई-कॉमर्स इंडस्ट्री 50 बिलियन डॉलर की हो जाएगी. देश में स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए सरकार 10 हजार करोड़ रूपये का नया फंड बना रही है. स्टार्टअप करने वाले को 3 साल तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन इसका एक अलग चेहरा भी नजर आ रहा है. कई ई-कॉमर्स कंपनिया छोटे और मंझोले शहर में अपना सर्विस बंद कर चुकी है.जोमाटो, ग्रूफर समेत कई कंपनियों ने टायर-2 सिटीज में किया शटर डाउन. जुनैद हसन लखनऊ में एक इंवेस्टमेंट बैंकर है. पिछले दिनों अपने गर्लफ्रेंड के साथ वह अपने कमरे में था और गर्लफ्रेंड को बर्थडे ट्रीट देने के लिए उसने जोमाटो को लंच आर्डर किया. लेकिन अफसोस जुनैद का आर्डर बुक नहीं हो पाया. जब उसने इसकी वजह जाननी चाही तो जानकारी मिली कि जोमाटो ने कोच्चि, कोयंबटूर, लखनऊ, इंदौर समेत कई टायर-2 सिटीज में अपनी सर्विस बंद कर दी है. मालूम हो कि जोमाटो भारत का सबसे बड़ा रेस्टोरेंट एग्रीगेटर है और इसके ऐप और वेबसाइट पर देश के 75,000 रेस्टोरेंट की लिस्टिंग है. यह देश के 14 शहरों में फूड डिलेवरी का आर्डर लेता है. छह महीने तक जिन टायर-2 सिटीज में लगातार सर्विस देते रहे, वहां जोमाटो को अपना सर्विस क्यों बंद करना पड़ा. वजह साफ है-बिक्री का दर काफी कम रहना. जोमाटो कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि छोटे और मझोले शहर में कंपनी के टोटल सेल्स में 2 फीसदी से भी कम की हिस्सेदारी देखी जा रही थी, इसलिए कंपनी ने यहां सर्विस बंद करने का फैसला लिया. उचित समय आने पर दोबारा सर्विस चालू होगी. जोमाटो ही नहीं ग्रूफर, फूडपांडा और टिनी आउल ने भी छोटे और मझोले शहर में अपना शटर डाउन कर दिया है. अब जरा इस विरोधाभास को भी समझें.टायर-2 सिटीज में मजबूत हो रही फ्लिपकार्ट और स्नैपडील.कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का 60 फीसदी बिजनेस नन मेट्रो सिटी से होता है. फ्लिपकार्ट और स्नैपडील एक दिन में 50 से ज्यादा शहरों में डिलेवरी करने का दावा करते हैं. इनका नन मेट्रो शहरों के कई लॉजिस्टिक कंपनियों से टाईअप है और 1000 से ज्यादा शहरों में डिलेवरी करते हैं. बिग बास्केट 19 शहरों में दे रही सर्विस. वाहनों की प्रचुरता के कारण बिग बास्केट मेट्रो सिटी में सफल साबित हो रही है.छोटे शहरों में सफलता की वजह यह है कि जो उत्पाद लोकल दुकानदार नहीं उपलब्ध करा पाते यह कंपनी कंपनी उपलब्ध कराती है. ट्रैवल फर्म ओला 102 शहरों में सेवा देती है. कंपनी का मानना है कि छोटे शहरों में सफलता की बड़ी वजह यह है कि यहां यातायात के संगठित उपाय नहीं है. फूड और घरेलू सामान की डिलेवरी में है कई चुनौतियां. जोमाटो, स्वीगी, फूडपांडा और टिनी आउल समेत कई स्टार्टअप को छोटे शहरों में हो रही परेशानी.ज्यादा संख्या में रेस्टोरेंट और भोजनालय के अभाव के कारण सप्लाई में लिमिटेशन करनी पड़ रही है और कठिनाई हो रही है.ज्यादातर ग्राहक होम डिलेवरी से बेहतर रेस्टोरेंट में जाकर खाना पसंद करते हैं और दुकान में जाकर घर का सामान खरीदना पसंद करते हैं.छोटे शहरों में ग्राहक समय के प्रति ज्यादा पाबंद नहीं होते हैं और उनके पास काफी समय होता है बाहर जाकर खाने –खरीदने के लिए.
टायर-2 सिटीज में और सभी ई-कॉमर्स प्लेयर्स से कुछ अलग होता है फूड और ग्रॉसरी डिलेवरी. ज्यादा से ज्यादा डिमांड को पूरा करने के लिए इन शहरों में रेस्टोरेंट और ग्रॉसरी फर्म का अभाव है. इसलिए परेशानी हो रही है- पंकज चढ्ढा, को फाउंडर जोमाटो

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