सोमवार, 25 जनवरी 2016

पाकिस्तान इंक को मजबूत करने गए थे लाहौर मोदी

पीएम मोदी का लाहौर टूर एक बिजनेस टूर था. जब मोदी लाहौर एयरपोर्ट पर अचानक उतरे तो भारत में अचानक पाकिस्तान प्रेम जाग उठा और सभी एक बार फिर से सद्भावना और सौहाद्र की बात करने लगे. फिर से डायलॉग डिप्लोमैसी की बात होने लगी. लेकिन दरअसल ऐसा कुछ था नहीं. सनद रहे कि वाजपेयी ने जो पाकिस्तान से बातचीत का रास्ता खोला था, मोदी उस रास्ते पर नहीं चल रहे हैं. यह तो दो कारोबारी पीएम का मिलन था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लाहौर के मियां मुहम्मद नवाज शरीफ खानदानी कारोबारी हैं. पाकिस्तान की बड़ी औधोगिक ईकाई इत्तेफाक ग्रुप ऑफ कंपनीज इनका पुश्तैनी कारोबार है और यह इनके पिता मुहम्मद शरीफ के द्वारा स्थापित किया गया था. और यह अकारण नहीं था कि 2015 के अंत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाक पीएम नवाज शरीफ से मिलने अचानक लाहौर एयरपोर्ट पर उतर गए. दरअसल पीएम मोदी का यह विजिट नवाज शरीफ के कारोबार को और विस्तार देने के लिए पहले से नियोजित किया गया था. इस ऐतिहासिक मिलन का आयोजन कराया था भारत के स्टील मैग्नेट सज्जन जिंदल ने और पृष्ठभूमि तैयार की थी पूर्व पाकिस्तानी राजदूत सलमान बशीर ने. पाकिस्तानी वेबसाइट फाइवरुपीज.कॉम के मुताबिक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ का परिवार स्टील के धंधे में है. उनके परिवार की कंपनी 'इत्तेफाक ग्रुप ऑफ कंपनीज़' स्टील के व्यापार में है. पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में इसका लंबा-चौड़ा स्टील कारोबार है.हाल ही में बशीर भारत की यात्रा पर थे. कहा जा रहा है कि अपनी भारत यात्रा के दौरान ही उन्होंने इस औचक मुलाकात का विचार दिया था. इस विचार को आगे बढ़ाने का काम भारत के एक उद्योगपति परिवार ने किया. इसके पीछे मुंबई के स्टील किंग सज्जन जिंदल का नाम सामने आ रहा है. सज्जन जिंदल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खास मित्रों में हैं. मोदी की इस यात्रा में गौरतलब बात यह भी है कि सज्जन जिंदल का नवाज शरीफ के बेटे के साथ व्यापारिक रिश्ता सीधे जुड़ा है. - भारतीय स्टील कंपनियों का एक ग्रुप है – अफगान आयरन एंड स्टील कंसोर्टियम(एफिस्को). यह ग्रुप पाक सरकार से लगातार आफगानिस्तान के बामियान प्रांत होकर कराची तक लौह अयस्क के ट्रांसपोर्टेशन के राइट देने के लिए लिए वार्ता कर रही थी. फिलहाल लौह अयस्क का ट्रांजिट रुट रूस के रास्ते होता है जो काफी महंगा है.इस स्टील कंसोर्टियम में सेल, जिंदल की जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल और मॉनेट इस्पात शामिल हैं. अफगानिस्तान के रास्ते कराची लौह अयस्क के ट्रांजिट रुट बनाने का मकसद नवाज शरीफ की होल्डिंग कंपनी 'इत्तेफाक ग्रुप ऑफ कंपनीज़ को फायदा पहुंचाना है. पाक के जाने-माने बिजनेस पत्रकार शाहिद उर रहमान ने अपने किताब व्हू ओन्स पाकिस्तान में लिखा है कि-1990 में जब नवाज शरीफ पाक के पीएम बने तो उन्होंने देश में निजीकरण औऱ उदारीकरण की नई इकोनोमिक पॉलिसी लाई. सरकार ने 115 कंपनियों का निजीकरण किया जिसमें 67 कंपनियों का वास्ता नवाज शरीफ की होल्डिंग कंपनी 'इत्तेफाक ग्रुप ऑफ कंपनीज़ से है. 'इत्तेफाक ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के संस्थापक मियां मुहम्मद शरीफ की 2000 इसवीं में मौत होने के बाद कंपनी का बंटवारा दो भाई नवाज शरीफ और शाहबाज शरीफ में हुआ.नवाज शरीफ के मालिकाने हक में स्टील का पूरा कारोबार है.'इत्तेफाक ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के वेबसाइट के मुताबिक कंपनी का कुल टर्नओवर 300 मिलियन डॉलर का है. जबकि रियल एस्टेट कंपनी का टर्नओवर 100 मिलियन डॉलर
पाकिस्तान में व्यापारी-जमींदार और सेना सबसे ताकतवर हैं और यही सरकार चलाते हैं. दोनों एक हैं और ये अपने फायदे के लिए हर तरह के डील्स करते हैं - असगर वजाहत पूर्व विभागाध्यक्ष, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें